अंक- 28 में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा “बागड़ी” जागीरदार भाग-10
कप्तान साहब व्यक्तित्व के धनीजयपुर शहर की सुरक्षा के लिए जब राजा जयसिंह ने सन 1727 में इसकी स्थापना कि उस समय पूरे क्षेत्र को चारों तरफ से दीवार से घेरा गया था तथा शहर के सात दरवाजों के माध्यम से ही शहर में आना जाना होता था तथा इन सात दरवाजों पर तैनात सभी दरबारियों पर निगरानी का जिम्मा सन् 1902 में कप्तान रघुनाथ सिंह जी के जिम्मे था यानिकि संपूर्ण शहर के रक्षा विभाग राजा माधोसिंह जी ने...Read more.
अंक 27- में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनंदन। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा “बागड़ी” जागीरदार जयपुर भाग-9
असाधारण शारीरिक बलिष्ठ--जागीरदार वीर योद्धा कप्तान रघुनाथ सिंह अपने शरीर की बलिष्ठा के कारण काफी प्रसिद्ध थे और असाधारण ताकत के धनी थे। उनका शारीरिक गठन बलिष्ठ था ।प्रामाणिक था।जिसका कोई सानी नहीं था। हमेशा शारीरिक व्यायाम करना तथा अपने शरीर को प्रकृति मय रखना यह उनकी खासियत थी तथा अपनी सवारी के लिए स्वयं एक घोड़ा रखते थे जिसका नाम रामप्रताप था तथा कहीं दूर का सफर करना होता था तो कप्तान रघुनाथ सिंह जागीरदार साहब इसी घोड़े से...Read more.
अंक- 26 में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा “बागड़ी” जागीरदार जयपुर भाग- 8
इंग्लैंड के पहलवान को मात देना:-सन 1902 में राजा माधो सिंह जी द्वितीय अपने एक विशिष्ट 125 सदस्यों के साथ रघुनाथ सिंह को भी इंग्लैंड ले जाने के लिए तैयार किया गया वैसे भी कप्तान रघुनाथ सिंह को महाराज माधो सिंह जी वैसे भी सैनिक दृष्टि से कप्तान साहब को साथ रखते थे और वायसराय ने भी उनको आमंत्रित किया था। इस दल के द्वारा ब्रिटिश सरकार के वहां पहुंचकर अपने राज्य की बहुत सी योजनाओं के बारे में चर्चा...Read more.
अंक 25 में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा “बागड़ी” जागीरदार जयपुर भाग-7
जागीर प्रदान करने के साथ ही ब्रम्हपुरी में बंगला आवंटन किया।पहलवान रघुनाथ सिंह के द्वारा शेर को परास्त करने के उपरांत जनता के जोश को देखकर मर्जीदास खवास बाला बख्स काफी डर रहे थे तथा अपनी ओछी हरकत पर पश्चाताप भी कर रहे थे तथा सोच रहे थे कि कप्तान साहब अब मुझे माफ नहीं करेंगे । इस तरह की मन में बातें सोच कर वहां से खिसक लिए परंतु कप्तान साहब ने इस बहादुरी कारनामे के उपरांत मन ही-...Read more.
अंक 24 में आप सभी महानुभावों हार्दिक अभिनंदन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा “बागड़ी” जागीरदार जयपुर भाग-6
वीर योद्धा रघुनाथ को शेर के साथ दंगल माढने के लिए उचित समय दिया गया तथा आमेर के पास में रामसागर तालाब के पास जगह उचित जगह जानकर वहां वीर योद्धा मीणा सरदार व जंगल के राजा शेर की कुश्ती का ऐलान किया गया। इस महा दंगल को देखने के लिए बहुत से लोग आसपास के वहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगे महान योद्धा पहलवान रघुनाथ सिंह और शेर के साथ युद्ध का आयोजन निश्चित समय पर किया गया। युद्ध...Read more.
अंक 23- में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा “बागड़ी” जागीरदार जयपुर भाग-5
कप्तान रघुनाथ सिंह मीणा की शेर के साथ दंगल (कुश्ती)।महाराज माधोसिंह जी कप्तान रघुनाथ पर इतना विश्वास करने लग गए थे कि जहां भी जाते थे उनको साथ रखते थे तथा बहुत से फैसले जो अंतरंग मन के होते थे। वह कप्तान साहब की सलाह मशवरा से करते थे। उनकी दिलेरी और वफादारी से इतने खुश हो चुके थे कि आखेट खेलने जाते तो विशेषकर कप्तान रघुनाथ सिंह जी को साथ लेकर जाते थे ।इस तरह की बातें महाराजा के...Read more.
अंक 22 में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा “बागड़ी” जागीरदार जयपुर भाग-4
सन 1902 में ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड कर्जन अपनी भारत यात्रा पर मत्स्य प्रदेश की रियासत जयपुर में राजा माधो सिंह से मिलने के लिए जयपुर आए हुए थे ।उनके साथ में उनके अंगरक्षक के रूम में एक ब्रिटिश आर्मी अधिकारी भी साथ में था। जब राज महलों में वायसराय लार्ड कर्जन राजा माधो सिंह से मिलने के लिए आए, साथ में उनके ब्रिटिश आर्मी अधिकारी चल रहे थे । महल में प्रवेश करते समय मीणा सरदार रघुनाथ का मिलन हो...Read more.
अंक 21 में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा”बागड़ी” जागीरदार जयपुर भाग-3
रघुनाथ जी को उनके पिता ने सभी प्रकार की शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत शादी योग्य समझ कर गांव चावंडिया जिला दौसा के श्री सुखाराम झरवाल की पुत्री सगरी देवी के साथ इनको प्रणय सूत्र में बांधा तथा राजकार्यों में महाराजा माधो सिंह के साथ रहने के दौरान राजशाही रहन सहन से इनकी कार्य शैली में निखार आने लगा।सगरी देवी के संतान के रूप में कप्तान रघुनाथ सिंह को सन् 1886 में एक पुत्री प्राप्त हुई जिसका नाम चंदन रखाराजसी...Read more.
अंक- 20 में आप सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा बागड़ी जागीरदार जयपुर भाग 2
एक बार आमेर के पहलवानी दंगल में कुश्ती का दंगल हो रहा था और वहां राजा माधव सिंह जी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। स्वयं महाराजा अपनी सेना के लिए योग्य जवान को ऐसे दंगलों को देखने के उपरांत चुनने की रूचि रखते थे।इसलिए इस दंगल को देखने की अधिक रूचि थी । यहां उचित स्थान पर अपना आसन ग्रहण करने के उपरांत महाराज श्री के आदेश से कुश्ती की शुरुआत का इंतजार ही था।जब...Read more.
अंक -19 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है। कप्तान वीर योद्धा रघुनाथ सिंह मीणा बागड़ी जागीरदार जयपुर भाग-1
कप्तान वीर रघुनाथ सिंह मीणा जागीरदार मत्स्य प्रदेश की पवित्र भूमि जिसको आमेर और चौमू के आसपास के क्षेत्र को राजाटी के नाम से जाना जाता था। इस रमणीक और वैभवशाली धरती जहां अरावली पर्वत श्रंखला की गोद में पसरा हुआ गांव भानपुर कला जो मांच नगरी( जमवा रामगढ़) के राजा मैदा सीहरा के अधीनस्थ आता था ।उसी में ठिकानाभानपुर कला पहाड़ी क्षेत्र में अरावली की वादियों को सुशोभित करने वाला गांव है। जिस गांव में चित्रकारी सुसज्जित हवेलियां अपनी...Read more.