असाधारण शारीरिक बलिष्ठ–
जागीरदार वीर योद्धा कप्तान रघुनाथ सिंह अपने शरीर की बलिष्ठा के कारण काफी प्रसिद्ध थे और असाधारण ताकत के धनी थे। उनका शारीरिक गठन बलिष्ठ था ।प्रामाणिक था।जिसका कोई सानी नहीं था। हमेशा शारीरिक व्यायाम करना तथा अपने शरीर को प्रकृति मय रखना यह उनकी खासियत थी तथा अपनी सवारी के लिए स्वयं एक घोड़ा रखते थे जिसका नाम रामप्रताप था तथा कहीं दूर का सफर करना होता था तो कप्तान रघुनाथ सिंह जागीरदार साहब इसी घोड़े से आते जाते थे ।बताया जाता है कि स्वयं घोड़े पर बैठे बैठे ही अपना व्यायाम शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कर लेते थे।रघुनाथ जी के रिहायशी क्षेत्र ब्रह्मपुरी में बरगद के दो भारी पेड़ थे ।
कप्तान साहब कई बार बरगद के पेड़ के नीचे से जब निकलते थे तो घोड़े के ऊपर से बरगद के पेड़ की डाल को पकड़कर अपने पैरों की ऐसी आंटी (जकड़ )लगाते थे कि घोड़े सहित उस डाल के साथ जमीन से ऊपर उठ जाते थे यानिकि अपने पैरों की ताकत से घोड़े को भी ऊंचा उठा लेते थे ।अब इसी से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि उन में कितनी ताकत थी ।जो घोड़ा उनको लेकर दौड़ता था उसी घोड़े को अपने पैरों से ऊपर उठा लेना बहुत ही अजूबे की बात है।
लगातार–…………
लेखक तारा चंद मीणा “चीता” कंचनपुर सीकर