अंक – 18 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-18

करनाराम ने लोठू जाट से कहा लोटिया आप तो किले में प्रवेश हेतु अपने सैनिकों में से ताकतवर को चुनो जो अपने साथ जेल तोड़ने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे तथा बहादुर साहसी और हिम्मत वाले हो उनको अपनी योजना के अनुसार तैयार करो और मैं किले में प्रवेश करने हेतु एक 80 फुट लंबी सीडी तैयार करता हूं जिससे हम किले की दीवार को फांद सकेंगे।क्योंकि आज शहर में मोहर्रम का त्यौहार है ताजिया निकलने वाले हैं ताजियों की व्यवस्था...Read more.

अंक – 17 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-17

करनाराम मीणा की नजर चरते हुए रेवड़ पर पड़ चुकी थी और वह योजना के अनुसार उसमें से एक मिंडा लाना चाहता था। उसके लिए वह एक भेड़ा लेने के लिए यमुना के किनारे चल दिया और वहां नदिया किनारे आसपास भेड़ों के घूम रहे थे , उनके चराने वाले गुर्जर जाति के लोग थे,उनसे जाकर रामा श्यामा की और नमस्कार किया तथा गुर्जर और मीणा का भाईचारा एक सा था इसलिए उन्होंने करणाराम मीणा ने उनको देखकर जिस लहजे...Read more.

अंक – 16 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-16

करनाराम मीणा के द्वारा सेना का संगठित करना तथा डूंगजी को छुड़ाने की योजनाएं बनाना उस समय जवाहरजी को लोटिया जाट कुछ कहता है।बड़के बोले जाट लोटिया सुन शेखावत बात जी।जोर जरब रौ काम नी ,उठे हैं अंग्रेजी राज जी।।बात सुनकर जवाहर जी ने लोटिया जाट को कहा मैं अभी मेरे सभी सदस्यों को आदेश करता हूं कि वह अपने सभी सगे संबंधियों को यहां यह निमंत्रण भेजे कि हमें हमारे साथी, हमारे भाई ,हमारे सरदार डूगजी को छुड़ाना है...Read more.

अंक -15 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-15

करणा राम मीणा के द्वारा सेल्यूलर जेल (काला पानी)की जानकारी देनायह जेल अंडमान निकोबार दीप समूह में स्थिति पोर्ट ब्लेयर में बनी हुई है यह अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को कैद रखने के लिए बनाई गई थी जो कि मुख्य भारत भूमि से हजारों किलोमीटर दूर स्थित है तथा समुद्र से सैकड़ों किलोमीटर दुर्गम मार्ग पड़ता है। यह काला पानी के नाम से कुख्यात है।अंग्रेजी सरकार द्वारा भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर किए गए अत्याचारों के साथ...Read more.

अंक – 14 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-14

करणा राम मीणा द्वारा राजकुमार को काठ कोरड़ा की जानकारी देनामारवाड़ी में कोरड़ा, कोड़े को कहते हैं।काठ कोरडा काठ का तो होता था लेकिन कोड़ा या कोरड़ा नहीं होता था ,राजाओं या पुलिस द्वारा अपराधियों को काठ कोरड़े में डालकर अपराधी से अपराध कबूल कराया जाता था ।काठ कोरडा काठ के दो टुकड़ों से बनता था ,दोनों टुकड़े एक दूसरे पर रखे रहते थे और एक तरफ कब्जों से जुड़े रहते थे दूसरी तरफ उनमें से निचले हिस्से में कुंडा...Read more.

अंक – 13 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-13

करना राम मीणा के द्वारा आगरा के किले का अवलोकन करना,करना राम मीणा और लोटिया जाट दोनों किले में प्रवेश करते हैं अंग्रेज अधिकारी ब्लॉकिंग ने बड़ी श्रद्धा से किले को अच्छी तरह दिखाया।करना राम मीणा ने रास्तों का बड़ी बारीकी से अध्ययन किया। बाबा लोठू जाट ने अंग्रेज अफसर को अपनी बातों में उलझाए रखा,इधर करनाराम मीणा किले की संपूर्ण चारदीवारी झरोखे सीढ़ियां और बाहर निकलने के गुप्त रास्ते आदि का अवलोकन कर रहा था। किले के अंदर कितने...Read more.

अंक – 12 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-12

दोनों वीर जवान अपने साथी डूंगजी की तलाश में चल पड़ते हैंआगरे ने चाल्यो करणियों मीणो, लोठू जाट ज्यूं लंका हणमान।के ल्यावेलो खबर डूंगजी की, कै त्यागे लो प्राण ।करनाराम व लोठू जाट अपने-अपने ऊंट से सवार होकर आगरा पहुंच गए और वहां बाजार में पहुंचने के बाद विचार विमर्श करने लगे कि हम किस तरह कीले तक पहुंच सकते हैं ।जहां आगरा के किले में डूंगजी कैद था, क्या उपाय करें इस तरह के काफी विचार-विमर्श अपने मन मस्तिष्क...Read more.

अंक – 11 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-11

कचहरी में जब करना राम मीणा लोठू जाट के आपस में चर्चा हो रही थी उसी वक्त डूगजी की रानी गुस्से में आग बबूला होती हुई कचहरी में प्रवेश करती है तथा सभी को धमकी भरी आवाज में ताना मारते हुए कहती हैं कि तुम्हें शर्म आनी चाहिए तुम यहां मौज आनंद उड़ा रहे हो और आपका सरदार जेल की सलाखों में पड़ा सड़ रहा है ।इतना सुनते ही करना राम मीणा व लोठू जाट एक साथ बोले रानी सा...Read more.

अंक – 10 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-10

डूग न्हार री कोटड़ाया जुड़ी कचेड़ी आय।जाजम ऊपर जाजम बिछ रही खूब पड़े रजवाड़।लोटयो जाट करणियो मीणो डूंगरसिंह सरदार।तीनों मिल भेळा हुवै, तो करें तीसरी बात ।बोल्यो सरदार डुंगसिंह ,तू सुन रे लोटिया जाट।मीनखां नीठगी मोठ बाजरी ,घोड़ा निठग्यो घास।मर्दा में तू मर्द आगलो हेररियो तू लाट।रामगढ़ की हेर लगा दे ,जद जाणू तोय जाट ।लोटो जाट करणियों मीणो, ज्यां रौ व्हालो मेळ।डूंग न्यार री भरी कचेड़या लीनी बात सकेल।करणियो मीणो लोटियो जाट, अकला मांय उजीर। भेष पलट बै चल्या,...Read more.

अंक – 9 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है। शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-9

इतना सुनते ही डूंगजी गुस्से से लाल पीला होकर बोले वे राजा हैं और हम तलवार बंद सैनिक। हम क्या कर सकते हैं डूंगरी का स्वर सुनते ही करना राम मीणा ने जमीन पर थाप मारते हुए और गुस्से में लाल पीले होते हुए कहा ठाकुर साहब उठाओ तलवार!कमर कस लो दल बना लो तथा अंग्रेजों को लूट कर ,मार काट कर देश के बाहर कर दो ।क्या देखते हो अंग्रेजों की फौज गांव के बाहर आ गई है अपने...Read more.