अंक – 8 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-8

डूंगर सिंह व जवाहर सिंह सरदार अपने सेनानायक सांवता राम मीणा से बोले कि सांवता राम आप घोड़ों को तो घास डाल दो और सभी ऊंटों पर आसन लगा दो तथा सभी सैनिकों को कह दो कि वह तैयार हो जाएं वे अपने अपने हथियार संभाल ले और घोड़ों और ऊंटों पर सवार होकर घाटवा गांव की तरफ अपने को चलना है जहां घाटा के पास में अंग्रेजों का सामान लादकर व्यापारियों द्वारा ले जाया जा रहा है जिनमें अनाज...Read more.

अंक -7 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग-7

सांवता राम मीणा का जन्म बटोट ग्राम में लगभग सन 1795 के आसपास हुआ था इनका बचपन का नाम सैलो था इनके पिता जी का नाम नाथूराम और माता का नाम श्रीमती हाला था।बालक सांवता राम एकांत प्रिय क्रोधी स्वभाव और चिंतनशील प्रकृति के थे।इनकी जीवनशैली इस प्रकार रही है इनका शारीरिक गठन बहुत चित्ताकर्षक था उन की आकृति बड़ी सुंदर थी उसके अंग प्रत्येक से बहादुरी वीरता टपकती थी ।उनका व्यक्तित्व बड़ा प्रभावशाली था और उसको देखते ही हर...Read more.

अंक -6 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग- 6

परम आदरणीय पाठको आज हम उन महान योद्धाओं का परिचय पढ़ते हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के प्रथम आंदोलन का बिगुल बजाया वे कर्णधार कौन थे ,कैसे थे ,कहां के रहने वाले थे ,जिसमें सबसे पहले परिचय हम बड़े भाई सांवता राम मीणा व छोटे भाई करना राम मीणा का परिचय आपको प्रस्तुत कर रहे हैं जिन्होंने अपनी वाकपटुता से संपूर्ण शेखावाटी क्षेत्र का दिल से जीता था।सांवता राम मीणा शेखावाटी के वीरवर श्री नाथू लाल जी के जेष्ठ पुत्र थे और...Read more.

अंक -5 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग- 5

इन स्वतंत्रता प्रेमियों की गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के लिए ही शेखावाटी और तोरावाटी पर आक्रमण किया जाता था, इनके सुरक्षा स्थलों को अंग्रेजी सरकार व देसी रियासतों के ठिकानेदारों द्वारा नष्ट कर दिया जाता था ।सन 1834 के समय तोरावटी की समस्या महाराज बन्ने सिंह के शासनकाल में अलवर राज्य के तोरावटी के मीणा सरदारों के लिए अंग्रेज सरकार के आदेशों का पालन नहीं करना और वहां की फसल को टैक्स के रूप में ले जाना जिससे वहां का...Read more.

अंक – 4 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा ,श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग- 4

राजा उमाऊ राव की पुत्री चंद्रमणि पद्मिनी सी सुंदर कन्या थी ।अलाउद्दीन खिलजी के पास जब उसकी सुंदरता की चर्चा पहुंची तो उसने मीणा राव से उसकी पुत्री का डोला मांगा, मीणा राव के मना करने पर अलाउद्दीन खिलजी ने बुलेल खां के अधीन इस आदेश के साथ सेना भेजी कि वह उमराव को गिरफ्तार करें और उसकी रूपवती पुत्री चंद्रमणि को दिल्ली ले आए ।नवाब बुलेल खां छापोली के गढ़ पर आक्रमण किया तो 12 गांवों के मीणा सरदार...Read more.

अंक -3 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है । शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा, श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग- 3

अंक -3 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है ।शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा ,श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग- 3 स्वतंत्रता के आंदोलन में भारत देश के आदिवासी लोग अंग्रेजी शासन के बहुत घोर विरोधी थे ।परंतु इतिहास के मुख्य पृष्ठ पर इन स्वतंत्रता संग्राम के प्रेमियों का कहीं भी बढ़-चढ़कर वर्णन नहीं किया गया है ।आदिवासी मीणा जाति के लोग सामंतों ,अंग्रेजों से काफी लड़े उनके...Read more.

अंक -2 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन है। शेखावाटी के स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवताराम मीणा ,श्री करनाराम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत, श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट भाग- 2

शेखावाटी के वीर स्वतंत्रा सेनानी सांवता राम मीणा व करना राम मीणा भाग-2जिससे रजवाड़े बर्बाद हो गए इधर अंग्रेज इस मौके की तलाश में फिर रहे थे उन्होंने सभी राजाओं से संधियां कर ली और उनको सुरक्षा का वचन दे दिया,""अंधे को क्या चाहिए दो आंख""राजाओं को क्या चाहिए था उन्होंने इस बात को सहर्ष स्वीकार कर लिया और अपनी सुरक्षा का जिम्मा अंग्रेजों को सौंप कर चैन की बंसी बजाई ।जब अंग्रेजों ने रजवाड़ों की चारों तरफ अव्यवस्था व...Read more.

अंक 01 में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनन्दन है। शेखावाटी के वीर स्वतंत्रता सेनानी श्री सांवता राम मीणा, श्री करना राम मीणा, श्री डूंगजी शेखावत ,श्री जवाहर जी शेखावत और वीर लोठू जाट सीकर भाग -1

अंक 01 में आप सभी पाठकों हार्दिक अभिनन्दन है। शेखावाटी के वीर स्वतंत्रता सेनानी सांवता राम, करना राम मीणा भाग -1राजस्थान का इतिहास लोक कथाओं में बहुत पुराना है पिछले सैकड़ों वर्षों से यहां के गायकार अपने-अपने वाद्य यंत्रों व तरह-तरह की लोक गाथाओं के माध्यम से गांव गांव ढाणी ढाणी में जाकर यहां की संस्कृति वीरता ,बहादुरी, दान शीलता और वीर प्रसूता आदि की गाथाएं बहुत ही सुंदर ढंग से लोगों के मध्य पहुंचाते थे। जिससे जनता उनके द्वारा...Read more.